Ex.1 पानी में प्रकाश की चाल 2.25 × 108 m/s है। पानी के अपवर्तनांक की गणना कीजिए।
Sol. अपवर्तनांक दिया गया है:
Ex.2 हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। हीरे में प्रकाश की चाल की गणना कीजिए।
Sol. हम जानते है की अपवर्तनांक
या
या
Ex.3 वायु में गतिशील प्रकाश की एक किरण पानी के पृष्ठ पर आपतित होती है। आपतन कोण पृष्ठ के अभिलम्ब से 60° कोण बनाता है। पानी का अपवर्तनांक = 4/3 अपवर्तन कोण की गणना कीजिए।
Sol. हम जानते है कि
n
यहाँ, i = 60°,
Ex.4 यदि पानी का अपवर्तनांक 4/3 तथा काँच का 3/2 है। पानी के सापेक्ष काँच के अपवर्तनांक की गणना कीजिए।
Sol. हम जानते है कि
यहाँ wg = पानी के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक
g = काँच का अपवर्तनांक = 3/2
w = पानी का अपवर्तनांक = 4/3
Ex.5 किसी पारदश्र्ाी माध्यम की समतल पृष्ठ पर आपतित प्रकाश की एक किरण अभिलम्ब से 60° कोण बनाती है। अपवर्तन कोण 30° हैं। पारदश्र्ाी पदार्थ के अपवर्तनांक की गणना कीजिए।
Sol. यहाँ,
आपतन कोण i = 60°
अपवर्तन कोण r = 30°
अपवर्तनांक
Ex.6 वायु में गतिशील प्रकाश की एक किरण अभिलम्ब से 45° कोण पर एक काँच पट्टिका की सतह पर आपतित होती है। काँच का अपवर्तनांक 1.5 है। अपवर्तन कोण ज्ञात कीजिए।
Sol. आपतन कोण = 45°
काँच का अपवर्तनांक n = 1.5
चूंकि
या 1.5 =
या sin r =
=
r = sin–10.47
r = 28°
Ex.7 हीरे का अपवर्तनांक 2.42 तथा कार्बन डाइसल्फाइड का 1.63 है। कार्बन डाइसल्फाइड के सापेक्ष हीरे के अपवर्तनांक की गणना कीजिए।
Sol. कार्बन डाइ सल्फाइड का अपवर्तनांक n1= 1.63
हीरे का अपवर्तनांक n2 = 2.42
कार्बन डाइ सल्फाइड के सापेक्ष हीरे का अपवर्तनांक
Ex.8 एक सिक्का एक पात्र में स्थित हे, फिर इससे 20 cm ऊँचार्इ तक पानी भरा जाता है। यदि पानी का अपवर्तनांक 4/3 है, तो सिक्के की आभासी गहरार्इ ज्ञात कीजिए।
Sol. यहाँ,
वास्तविक गहरार्इ h = 20 cm
अपवर्तनांक n = 4/3
अब, n =
या =
या आभासी गहरार्इ = 20x3/4= 15 cm
Ex.9 एक टेबल पर एक काला धब्बा होता है। 6cm मोटार्इ की एक काँच पट्टिका टेबल पर धब्बे के ऊपर रखी हुर्इ है। काँच का अपवर्तनांक 3/2 है। ऊपरी सतह से कितनी गहरार्इ पर धब्बा दिखार्इ देगा जब ऊपर से इसे दैखा जाता है ?
Sol. धब्बे की वास्तविक गहरार्इ = 6 cm
काँच का अपवर्तनांक n =
अब n =
या =
आभासी गहरार्इ =
= 4 cm
Ex.10 हीरे का अपवर्तनांक 2.42 तथा काँच का 1.5 है। हीरा-काँच पृष्ठ के लिए क्रांतिक कोण की गणना कीजिए।
Sol. हीरे का अपवर्तनांक n1 = 2.42
काँच का अपवर्तनांक n2 = 1.5
अब, sin ic =
=
= 0.6198
ic = sin–1 0.62
ic = 38.3°
Ex.11 एक काँच का अपवर्तनांक 3/2 है। काँच में गतिशील प्रकाश की एक किरण काँच-जल पृष्ठ पर अभिलम्ब से 30° कोण पर आपतित होती है। क्या यह = 4/3 अपवर्तनांक वाले पानी से बाहर निकलने में सक्षम होगी।
Sol. काँच का अपवर्तनांक n1 = 3/2
पनी का अपवर्तनांक n2 = 4/3
अब, sin ic =
ic = 62°
जबकी आपतन कोण (30°) क्रांतिक कोण से कम होता है, किरण पानी में अपवर्तित होगी।
Ex.12 सघन फ्लिण्ट काँच का अपवर्तनांक 1.65 तथा एल्कॉहल का 1.36 है, दोनों वायु के सापेक्ष है। एल्कॉहल के सापेक्ष फ्लिण्ट काँच का अपवर्तनांक क्या होगा ?
Sol. फ्लिण्ट काँच का अपवर्तनांक n2 = 1.65
एल्कॉहल का अपवर्तनांक n1 = 1.36
एल्कोहल के सापेक्ष फ्लिण्ट काँच का अपवर्तनांक दिया जाता है।
1n2 =
Ex.13 एक वस्तु उत्तल लैंस से 36 cm पर रखी हुर्इ है। एक वास्तविक प्रतिबिम्ब लैंस से 24 cm पर बनता है। लैंस की फोकस दूरी की गणना कीजिए।
Sol. चिन्ह परिपाटी के अनुसार वस्तु लेंस के बार्इ ओर रखी हुर्इ है। अत: वस्तु दूरी (u) ऋणात्मक होगी। वास्तविक प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी तरफ बनता है। अत: प्रतिबिम्ब दूरी () धनात्मक है। इसी प्रकार u = –36 cm तथा = +24 cm, f = ?
लेंस सूत्र के उपयोग से
, हम पाते है कि
Ex.14 2cm लम्बा पिन लेंस से 25 cm की दूरी पर 15 cm फोकस दूरी वाले एक लेंस को मुख्य अक्ष के लम्बवत् रखा गया है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा इसका आकार ज्ञात कीजिए।
Sol. यहाँ u = –25 cm, f = +15
लेंस सूत्र के उपयोग से – = हम पाते है कि
धनात्मक चिन्ह दर्शाता है कि लैंस के दाये भाग में प्रतिबिम्ब बनता हैं। आवर्धन दिया जाता है -
h = – 1.5 × h = –1.5 × 2 cm
= –3 cm
पिन का प्रतिबिम्ब 3cm लम्बा है। ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि यह मुख्य अक्ष के नीचे बनता है। अर्थात् प्रतिबिम्ब उल्टा है।
Ex.15 एक बिन्दु वस्तु इसके मुख्य अक्ष पर एक उत्तल लेंस से 18 cm दूरी पर रखी हुर्इ है। इसका प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर 27cm पर बनता है। लेंस के फोकस दूरी की गणना कीजिए।
Sol. चिन्ह परिणामी के अनुसार, वस्तु लेंस के बार्इ ओर रखी है, इसलिए वस्तु-दूरी ऋणात्मक होती है अर्थात् u = –18 cm जबकी प्रतिबिम्ब दूसरी साइड़ पर बनता है, प्रतिबिम्ब-दूरी धनात्मक होती है अर्थात् = +27 cm लेंस सूत्र से-
Ex.16 एक उत्तल लेंस इससे 30 cm की दूरी पर वस्तु के समान आकार का प्रतिबिम्ब बनाती है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। लेंस की शक्ति भी ज्ञात कीजिए। लेंस से वस्तु की दूरी क्या है ?
Sol. एक उत्तल लेंस वस्तु के आकार का प्रतिबिम्ब बनाता है। जब वस्तु लेंस से 2f दूरी पर रखी हुर्इ हैं इस स्थिति में प्रतिबिम्ब लेंस से 2f दूरी के बराबर होता है।
इस प्रकार, 2f = 30 cm
या f = 15 cm = 0.15 m
लेंस की शक्ति
लेंस से वस्तु की दूरी 2f = 30 cm.
Ex.17 3cm ऊँची वस्तु 20 cm फोकस दूरी वाले एक अवतल लेंस से 80 cm की दूरी पर रखी हुर्इ है। प्रतिबिम्ब की स्थित एवं आकार ज्ञात कीजिए।
Sol. यहाँ, u = –80 cm, f = – 20 cm
लेंस सूत्र से
, हम पाते है िके
या
या
या = –16 cm
आवर्धनता:
या
प्रतिबिम्ब की लम्बार्इ 0.6 cm है। धनात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब सीधा है।
Ex.18 एक वस्तु अवतल लेंस से 40cm दूरी पर मुख्य अक्ष पर रखी हुर्इ है। लेंस की फोकस दूरी 40cm है, प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा आवर्धनता ज्ञात कीजिए।
Sol. अवतल लेंस के लिए, फोकस दूरी ऋणात्मक है अर्थात f = –40 cm चिन्ह परिपाटी से वस्तु लेंस के बार्इ ओर रखी हुर्इ है अत: u = – 40 cm
लेंस सूत्र से
, हम पाते है कि
या
या
या = – 20 cm
प्रतिबिम्ब लेंस से 20cm दूरी पर बनता है। ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब लैंस के उसी ओर बनता है जिस ओर वस्तु हैं।
अब आवर्धनता m =
धनात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब सीधा है।
Ex.19 एक अवतल लेंस के मुख्य अक्ष के समान्तर गुजर रहा प्रकाश पुँज अपवर्तन के पश्चात् लेंस के पीछे 25cm पर स्थित बिन्दु से अपसारित होता हुआ दिखार्इ देता है। लेंस के शक्ति की गणना कीजए।
Sol. जब लेंस से अपवर्तन के पश्चात् एक समान्तर पुँज एक अवतल लेंस पर आपतित होता है, यह लेंस के फोकस से अपसारित होता हुआ प्रतीत होता है। यहाँ लेंस की फोकस दूरी 25cm है। चिन्ह परिपाटी के अनुसार एक अवतल लेंस की फोकस दूरी ऋणात्मक होती है।
f = –25 cm = –0.25 m
Power, P =
Ex.20 शक्ति 5D वाला एक उत्तल लेंस पर्दे से 30cm की दूरी पर रखा जाता है। लेंस से कितनी दूरी पर पर्दा होना चाहिए ताकि इसका प्रतिबिम्ब पर्दे पर बने ?
Sol. लेंस की शक्ति P = +5D
फोकस दूरी f =
यहाँ पर्दा लैंस से 30 cm पर रखा हुआ है।
= +30 cm, f = +20 cm, u = ?
लैंस सूत्र से
, हम पाते है कि
या
या u = – 60 cm
इसलिए पर्दा लेंस से 60cm पर रखा होना चाहिए।
Ex.21 3cm लम्बी एक पिन 18cm फोकस दूरी वाले एक उत्तल लेंस से 24 cm दूरी पर रखी हुर्इ है। पिन मुख्य अक्ष के लम्बवत् रखी हुर्इ है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार एवं प्रकृति ज्ञात कीजिए।
Sol. यहाँ u = –24 cm, f = +18 cm, = ?
लेंस सूत्र का उपयोग करने पर
हम प्राप्त करते है
या
या = 72 cm
प्रतिबिम्ब दूसरी ओर लेंस से 72 cm पर बनता है। अत: प्रतिबिम्ब वास्तविक होता है।
आवर्धनता m =
या h' = –3 × h = –3 × 3.0 = – 9 cm
प्रतिबिम्ब आकार में 9cm है। ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब उल्टा है।
Ex.22 40cm फोकस दूरी वाला एक उत्तल लेंस तथा 25cm फोकस दूरी वाला एक अवतल लेंस सम्पर्क में इस प्रकार रखे गये हैं कि वे उभयनिष्ठ मुख्य अक्ष रखते है। संयोजन की शक्ति ज्ञात कीजिए।
Sol. उत्तल लेंस की फोकस दूरी
f1 = 40 cm = +0.4 m
उत्तल लेंस की शक्ति
P1= 1/+0.40 = +2.5D
अवतल लेंस की फोकस दूरी
f2 = –25 cm = –0.25 m
अवतल लेंस की शक्ति
P2 = 1/-0.25 = – 4D
संयोजन की शक्ति
P = P1 + P2 = 2.5 – 4D = – 1.5D
Ex.23 एक अवतल लेंस की फोकस दूरी 15cm है। लैंस से कितनी दूरी पर एक वस्तु रखनी चाहिए ताकि यह प्रतिबिम्ब लेंस से 10 cm पर बनाए ? आवर्धनता भी ज्ञात कीजिए ।
Sol. एक अवतल लेंस सदैव वस्तु की ओर आभासी सीधा प्रतिबिम्ब बनाता है।
प्रतिबिम्ब दूरी = –10 cm
फोकस दूरी f = –15 cm
वस्तु दूरी u = ?
लेंस सूत्र के उपयोग से
, हम पाते है कि
या
या
या u = –30 cm
इसी प्रकार, वस्तु लेंस से 30 cm दूरी पर रखी जानी चाहिए।
आवर्धनता m =
= 0.33
धनात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब सीधा तथा आभासी है। प्रतिबिम्ब का आकार वस्तु का एक-तिहार्इ होता है।
Ex.24 2 cm लम्बी एक वस्तु 10cm फोकस दूरी वाले एक उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष के लम्बवत् रखी जाती है। लेंस से वस्तु की दूरी 15cm है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार ज्ञात कीजिए। लैंस के आवर्धन की गणना कीजिए।
Sol. वस्तु दूरी u = –15 cm
फोकस दूरी f = +10 cm
वस्तु ऊँचार्इ h = +2 cm
प्रतिबिम्ब दूरी = ?
प्रतिबिम्ब की ऊँचार्इ, h' = ?
लेंस सूत्र के उपयोग से
या
या = +30 cm
का धनात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब लेंस के दार्इ ओर 30cm दूरी पर बनता है। इसलिए प्रतिबिम्ब उल्टा व वास्तविक है।
आवर्धन m =
या h' = –2 × 2 = –4 cm
आवर्धनता m =
प्रतिबिम्ब की आवर्धनता एवं ऊँचार्इ के साथ ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब उल्टा व वास्तविक है। इसी प्रकार 4cm ऊँचार्इ का एक वास्तविक प्रतिबिम्ब लेंस के दार्इ ओर 30cm की दूरी पर बनता है। प्रतिबिम्ब उल्टा है तथा वस्तु के आकार का दुगुना है।