दृष्टांतीय उदाहरण
Ex.1 एक वस्तु समतल दर्पण के सामने स्थित हैं यदि दर्पण को वस्तु से आगे की ओर x दूरी तक गति कराया जाता है तो प्रतिबिम्ब कितनी दूरी तक गतिमान होगा ?
हल. माना की वस्तु O चित्र में दर्शाए अनुसार समतल दर्पण M से d दूरी पर प्रारम्भ में था O’ पर बना प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे d दूरी पर बनता है। अब दर्पण को x से M' तक विस्थापित किया जाता है ताकि M' से वस्तु की दूरी d + x हो जाए तो अब प्रतिबिम्ब O” पर बनता है। जो M' से (d + x) दूरी पर भी है।
इसलिए OM = MO' = d
OM' = M'O" = d + x
OO" = OM' + M'O" = 2(d + x) ...(1)
जब OO' = OM + MO' = 2d ...(2)
O'O" = OO" – OO'
= 2(d + x) – 2d
= 2x
इस प्रकार प्रतिबिम्ब 2x दूरी द्वारा O' से O" तक विस्थापित हो जाता है।
Ex.2 एक कीट समतल दर्पण से 1.5m दूरी पर हैं निम्न की गणना कीजिए ?
(i) वह दूरी जिस पर कीट का प्रतिबिम्ब बनता है।
(ii) कीट एवं इसके प्रतिबिम्ब के मध्य दूरी
हल. (i) दर्पण से कीट की दूरी = 1.5 m
दर्पण से कीट की दूरी 1.5 m के बराबर है। प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे 1.5 m दूरी पर बनता है।
(ii) कीट व प्रतिबिम्ब के मध्य दूरी
= 1.5 + 1.5 = 3m
Ex.3 एक अवतल दर्पण 30 cm त्रिज्या के एक खोखले काँच गोले के एक भाग को काटकर बनाया गया है। दर्पण की फोकस दूरी की गणना कीजिए।
हल. दर्पण की वक्रता त्रिज्या = 30 cm
अत: दर्पण की फोकस दूरी = 30cm/2= 15cm
Ex.4 एक वस्तु 10 cm फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण से 15 cm की दूरी पर रखी हुर्इ है। प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात करो।
हल. u = –15 cm तथा f = –10 cm
सूत्र 1/v+1/u=1/f का प्रयोग करने पर हम प्राप्त करते है
1/v + 1/-15 = 1/-10
or 1/v = 1/15-1/10=-1/30
or v = –30 cm
अत: प्रतिबिम्ब दर्पण से 30 cm दूरी पर बनता है। इसलिए v ऋणात्मक चिन्ह रखता है प्रतिबिम्ब दर्पण के बायीं ओर बनता है अर्थात दर्पण के सामने (चित्रानुसार) दर्शाया गया है।
Ex.5 3 cm लम्बी एक वस्तु एक अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के लम्बवत् रखी हुर्इ है। दर्पण से वस्तु की दूरी 15 cm है तथा इसका प्रतिबिम्ब दर्पण से 30 cm की दूरी पर बनता है दर्पण के उसी तरफ जिस तरफ वस्तु है। बनाए गए प्रतिबिम्ब की ऊँचार्इ गणना करे।
Sol. यहाँ u= –15 cm तथा = –30 cm
वस्तु का आकार h = 2 cm
आवर्धन m = h'/h=-v/u
या h'/h=-(-30)/(-15)=2
या h' = – 2 × h = – 2 × 3
= – 6 cm
अत: प्रतिबिम्ब की ऊँचार्इ 6 cm है। ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है की यह मुख्य अक्ष के नीचले भाग पर है अर्थात् प्रतिबिम्ब उल्टा है।
Ex.6 1.4 cm लम्बी वस्तु 15 cm फोकस दूरी के उत्तल दर्पण के मुख्य अक्ष के लम्बवत् इससे 10 cm की दूरी पर रखी हुर्इ है। निम्न की गणना कीजिए:
(i) प्रतिबिम्ब की स्थिति
(ii) प्रतिबिम्ब की ऊँचार्इ
(iii) प्रतिबिम्ब की प्रकृति
Sol. (i) उत्तल दर्पण के लिए फोकस दूरी धनात्मक है।
इसलिए f = +15 cm और u = –10 cm
सम्बन्ध 1/v+1/u=1/fका प्रयोग करके हम पाते है कि
1/v+1/-10=1/15
या 1/v=1/15+1/10=5/30=1/6
या v = 6 cm
अत: v धनात्मक है दर्पण से 6 cm की दूरी पर दायीं ओर प्रतिबिम्ब बनता है।
(ii) आवर्धन
या m = h'=h=-v/u
h'=h= -6/-10= + 0.6
या h' = + 0.6 × h0 = 0.6 × 1.4
= 0.84 cm.
इसलिए प्रतिबिम्ब की ऊँचार्इ 0.84 cm है
(iii) चूँकि h' धनात्मक है प्रतिबिम्ब मुख्य अक्ष पर उसी तरफ होगा जिस तरफ वस्तु हैं।
अत: प्रतिबिम्ब आभासी सीधा तथा छोटा होगा।
Ex.7 एक वस्तु 30cm फोकस दूरी वाले एक उत्तल दर्पण से 40cm की दूरी पर स्थित है। प्रतिबिम्ब तथा इसकी प्रकृति की स्थिति ज्ञात कीजिए।
हल. यहाँ वस्तु दूरी u = –40 cm
उत्तल दर्पण की फोकस दूरी f = +30 cm
अब दर्पण सूत्र के उपयोग से 1/v+1/u=1/f
1/v+1/-40=1/30
or 1/v=1/40+1/30=7/120
or = 120/7 = 17.1 cm
धनात्मक चिन्ह यह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब दाँयी दाँयी ओर बनता है अर्थात् दर्पण के पीछे।
अब आवर्धनता
m = –v/u = –120/7x(-40) = +3/7 = + 0.42
अत: आवर्धनता धनात्मक है प्रतिबिम्ब सीधा है। इसी प्रकार प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे 17.1 cm पर बनता है। प्रतिबिम्ब आभासी सीधा छोटा होता है।
Ex.8 एक 3 cm ऊँचा बिम्ब एक अवतल दर्पण से 30 cm की दूरी पर रखा जाता हैं। दर्पण से 60 cm पर एक वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता हैं। दर्पण की फोकस दूरी व प्रतिबिम्ब के आकार की गणना करो।
Sol. बिम्ब दूरी u = –30
प्रतिबिम्ब की दूरी = –60
(वास्तविक प्रतिबिम्ब उसी दिशा में बनता है)
अब दर्पण सूत्र का प्रयोग करके 1/v+1/u=1/f हम पाते है कि
1/-60+1/-30=1/f
या 1/f = -3/60 =-1/20
या f = – 20 cm
दर्पण की फोकस दूरी है = 20 cm
आवर्धन m =h'/h =-v/u
या h'/3 =-(-60)/(-30)
या h' = 3 × (–2) = –6 cm
प्रतिबिम्ब की ऊँचार्इ 6 cm है ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब उलटा हैं।
Ex.9 1cm ऊँचार्इ वाली एक वस्तु 15cm फोकस दूरी वाले एक अवतल दर्पण के सामने 20cm पर स्थित है। प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति ज्ञात कीजिए।
Sol. u = –20 cm f = –15 cm h0 = 1 cm
दर्पण सूत्र का प्रयोग करके1/v+1/u=1/f हम पाते है कि
1/v+1/-20=1/-15
या 1/v=-1/15+1/2v=-1/60
= – 60 cm
प्रतिबिम्ब दर्पण से 60 cm पर बनता है। चूँकि u व v के चिन्ह समान है वस्तु व प्रतिबिम्ब दर्पण के समान साइड़ पर बनते है। इसलिए प्रतिबिम्ब वास्तविक है
अब आवर्धन m =h'/h=-v/u = –(-60cm)/(-20cm) = –3
h’ = –3h = – 3 × 1 cm = – 3cm
ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब उल्टा है। इसी प्रकार प्रतिबिम्ब वास्तविक उल्टा तथा
3 cm आकार वाला तथा दर्पण के समाने 60 cm पर बनता है।
Ex.10 4cm ऊँचार्इ वाली एक वस्तु 15cm फोकस दूरी वाले एक अवतल दर्पण के सामने 25cm पर स्थित है। पर्दा दर्पण से कितनी दूरी पर होना चाहिए ताकि प्रतिबिम्ब तीक्ष्ण प्राप्त हो ?
हल. यहाँ u = –25 cm f = –15 cm h = + 4 cm
दर्पण सूत्र का प्रयोग करने पर1/v+1/u=1/f हम पाते है कि
या 1/v+1/-25=1/-15
या 1/v=1/-15-1/-25=-1/15+1/25=-2/75
या = -75/2= –37.5 cm
अत: पर्दा दर्पण से 37.5cm पर उसी भाग में होना चाहिए जिसमें वस्तु है।
अब आवर्धन m = h'/h=-v/u
h'/4.0 cm=-(-37-5)/(-25) = – 1.5
or h' = – 1.5 × 4 = –6 cm
ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब उल्टा है। अत: प्रतिबिम्ब वास्तविक उल्टा व 6 cm आकार का है।
Ex.11 5 cm ऊँची एक वस्तु 30cm वक्रता त्रिज्या के उत्तल दर्पण से 20cm की दूरी पर रखी जाती है। प्रतिबिम्ब की स्थिति प्रकृति तथा आकार ज्ञात कीजिए।
Sol. यहाँ u = –20 cm h = 5 cm
वक्रता त्रिज्या r = +30 cm
फोकस दूरी f = r/2 = + 30/2= + 15 cm
दर्पण सूत्र का प्रयोग करने पर 1/v+1/u=1/f हम पाते है कि
1/v+1/-20=1/15
या 1/v=1/15+1/20=7/60
या = 60/7cm = 8.5 cm.
प्रतिबिम्ब दर्पण से 8.5cm पर बनता है। धनात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे या दूसरी साइड पर बनता है। अत: प्रतिबिम्ब आभासी है। आवर्धनता
m = h'/h=-v/u
or h'/5= –(60/7)/(-20) = +60/7x20=3/7
or h' = 5 × 3/7=15/7 = 2.1 cm
प्रतिबिम्ब की ऊँचार्इ 2.1cm है। धनात्मक चिन्ह दर्शाता है की प्रतिबिम्ब सीधा है।
Ex.12 एक ऑटोमोबाइल में 3m वक्रता त्रिज्या का उत्तल दर्पण उपयोग में लाया जाता है। यदि एक बस दर्पण से 5m पर है तो प्रतिबिम्ब की स्थिति प्रकृति एवं आकार ज्ञात कीजिए।
Sol. यहाँ u = –5 m r = +3m
f = r/2= +3/7= 1.5 m
सूत्र का प्रयोग करके 1/v+1/u=1/f हम पाते है कि
या 1/v + 1/-5=1/1.5
या 1/v=1/1.5+1/5 = + 1.15 m
प्रतिबिम्ब दर्पण के 1.15 m पीछे बनता है।
आवर्धन m =h'/h= –v/u= –1.15/-5 = + 0.23
इसी प्रकार प्रतिबिम्ब आभासी सीधा तथा वस्तु से छोटे आकार का होता है।